


गणेश चतुर्थी के त्योहार का बेहद खास महत्व होता है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन यह त्योहार पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए जगह-जगह पर बड़े पंडाल भी लगाए जाते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। ऐसे में गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने घरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा लाकर स्थापित करते हैं। लेकिन गणेश भगवान की मूर्ति लेते समय कुछ विशेष बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। वास्तुशास्त्र के नियमों का ध्यान रखकर गणपति बप्पा की प्रतिमा घर में स्थापित करने से बेहद शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
घर पर बप्पा की प्रतिमा लाते समय इस बात का रखें ख्याल
अगर आप इस गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा घर पर लाने वाले हैं, तो वास्तु के नियमों का ख्याल जरूर रखें। मान्यता है कि घर में हमेशा ऐसी मूर्ति लानी चाहिए, जो न ज्यादा छोटी हो और न ही ज्यादा बड़ी हो। इसका अर्थ है कि घर में मध्यम आकार की बप्पा की प्रतिमा लाना सबसे शुभ माना जाता है।
गणपतिजी की सूंड की दिशा पर जरूर दें ध्यान
वास्तु के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति लेते समय उनकी सूंड पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। मान्यता है कि घर के लिए वामवर्ती मूर्ति लेना सबसे शुभ होता है। यानी गणपतिजी की ऐसी मूर्ति लें जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो। इस दिशा को सफलता और समृद्धि की दिशा मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि दाईं ओर झुकी हुई सूंड वाली यानी दक्षिणामुखी गणेशजी की मूर्ति की पूजा करने के कठिन नियम होते हैं। साथ ही, उन्हें प्रसन्न करना भी बेहद मुश्किल होता है।
भगवान गणेश की मुद्रा पर दें ध्यान
गणेश चतुर्थी के लिए हमें कई प्रकार की भगवान गणेश की मूर्ति देखने को मिलती है। जिसमें गणपतिजी किसी में खड़े होते हैं, नृत्य करते दिखते हैं या विश्राम की मुद्रा में होते हैं। लेकिन कहा जाता है कि घर के लिए बैठे हुई मुद्रा में भगवान गणेश की मूर्ति लाना सबसे श्रेष्ठ होता है। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और परिवार के सदस्यों के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही, घर में बरकत होने लगती है।